मिलिए Jamia Millia Islamia के पूर्व छात्र राशिद खान से जिन्होंने इसरो के सोलर और लूनर मिशन में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका

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Jamia Millia Islamia: जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पूर्व छात्र राशिद खान, जो वर्तमान में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स, तमिलनाडु में वैज्ञानिक एसडी के रूप में कार्यरत हैं, उन्होंने इसरो के पहले सोलर मिशन आदित्य-एल 1 लॉन्च में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह रॉकेट पीएसएलवी-सी57 के लिए उपयोग किए जाने वाले पीएस2 और पीएस4 चरण के एक्सेप्टेंस टेस्ट में सक्रिय रूप से शामिल थे।

गौरतलब है कि राशिद ने इसरो के चंद्रमा मिशन चंद्रयान-3 में भी अहम भूमिका निभाई थी| उनकी जिम्मेदारी 14 जुलाई 2023 को चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च के लिए उपयोग किए जाने वाले LVM3-M4 रॉकेट के लिए L110 चरण (Liquid Propulsion System) और C25 चरण (Cryogenic Propulsion System) प्रणोदक टैंकों का एक्सेप्टेंस टेस्ट करना था। उनकी भविष्य की जिम्मेदारियां इसरो के भविष्य के मिशन जैसे मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम (गगनयान मिशन) आदि के लिए रॉकेट के विभिन्न चरणों को डिजाइन करना हैं।

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राशिद ने वर्ष 2017 में जामिया से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक पूरा किया। उन्होंने एआईआर-11वीं रैंक हासिल की और 2017 में ही इसरो में वैज्ञानिक के रूप में चयनित हुए। वह मार्च, 2018 से अंतरिक्ष संगठन के साथ काम कर रहे हैं। राशिद बिहार के एक छोटे से शहर छपरा से ताल्लुक रखते हैं और उनके माता-पिता, श्री नूर आलम खान और श्रीमती नूर आयशा दोनों पेशे से शिक्षक हैं। राशिद को इसरो में वैज्ञानिक के रूप में काम करते देखना उनका सपना था जिसे उनके बेटे ने सफलतापूर्वक पूरा किया।

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