National Flag:भारत में पहली बार कब फहराया गया था तिरंगा, जानिए अपनी राष्ट्रीय ध्वज के बारे में

National Flag: हमारा राष्ट्रीय ध्वज तीन रंगों से मिलकर बना है। इसीलिए इसे तिरंगे के नाम से भी जाना जाता है। यह तिरंगा भारत की शान मान जाता है। 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने स्वतंत्र भारत के लिए तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया। इसके अंदर बीचों बीच एक चक्र होता है। उस चक्र के अंदर 24 तिलियां होती हैं जो इस बात का प्रतीक हैं कि जीवन गतिशील है।

भारत में पहली बार फहराया गया तिरंगा

अंग्रेजों के समय से भारत के क्रांतिकारी और राजनेतिक लोग अपने झंडे के बारे में विचार करने लगे थे। वह अपने राष्ट्रीय ध्वज के तौर पर झंडा भी फराने से नहीं डरते थे। यह ध्वज लेकिन तब वैसा नहीं था। पहला राष्ट्रीय ध्वज अगस्त, 1906 को कोलकाता के पारसी बागान स्क्वायर पर फहराया गया था। उस समय ध्वज के तीन प्रमुख रंग थे। लाल पीला और हरा। वर्तमान में जो तिरंगा है उसके पहले संस्करण को पिंगली वेंकय्या ने 1921 में डिजाइन किया था। उस समय इसके दो प्रमुख रंग थे लाल और हरा। उसके दस साल बाद 1931 में तिरंगे झंडे को हमारे राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाते हुए एक ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित किया गया था। तब इसे तीन रंगों से बनाया गया था. इसके तीन रंग केसरिया, सफेद और हरा था। इसके बीच मे महात्मा गांधी के चरखे को दर्शाया गया था। उसके बाद में संसोधन कर इसमें गांधी जी के चरखे की जगह अशोक के चक्र को बीचों बीच बनाया गया।

तिरंगे के बारे में कुछ मुख्य जानकारी

राष्ट्रीय ध्वज को पहली बार 15 अगस्त 1947 को ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा में फराया गया।

आजादी के बाद 16 अगस्त 1947 को पहली बार लालकिले की प्राचीर से तिरंगे को फहराया गया।
भारत का कोई भी नागरिक साल के 365 दिनों में अपने घर या कार्यस्थल पर तिरंगा फहरा सकता है।
कोई भी भारतीय नागरिक अपनी कार की डेसबोर्ड पर मिनी तिरंग लगा सकता है।

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