Standard Time Line: यह बात तो आप जानते होंगे कि जब हम जहां रहते हैं वहां रात का समय होता है, तो दुनिया के अन्य हिस्सों में दिन का समय होता है। जी हां, अलग-अलग देशों में अलग-अलग समय होता है। कभी-कभी यह इतना अलग हो सकता है कि जब किसी जगह पर रात का समय होते हैं कुछ देशों में सुबह हो गया होता है और वह काम पर जा रहे होते हैं। यह वाकई थोड़ी हैरान करने वाली बात है। वैसे क्या आपने कभी सोचा है कि यह कैसे तय करते हैं कि दुनिया भर में दिन का कौन सा समय है। ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर कैसे घड़ी का समय तय होता है।
इन दो रेखाओं से निर्धारित होता है समय
जब आप विश्व के मानचित्र को देखते हैं, तो आपको दो प्रकार की रेखाएं दिखाई देती हैं एक क्षैतिज (हॉरिजॉन्टल) और लंबवत (वर्टिकल)।क्षैतिज रेखाएं को अक्षांश रेखाएं कहते हैं जो पश्चिम से पूर्व की ओर चलती हैं, जबकि खड़ी रेखाएं देशांतर रेखाएं कहलाती हैं जो उत्तर से दक्षिण की ओर चलती हैं। देशांतर रेखाओं का प्रयोग घड़ी में समय बताने के लिए किया जाता है। ‘ग्रीनविच रेखा’ या ‘शून्य डिग्री’ देशांतर रेखा सबसे महत्वपूर्ण रेखा है और पृथ्वी के केंद्र में स्थित है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इन दो रेखाओं की मदद से समय निर्धारित होता है और घड़ी की सुइयां चलती है।
ग्रीनविच रेखा है समय के लिए खास
ग्रीनविच रेखा एक ऐसी रेखा है जो हमें यह जानने में मदद करती है कि दुनिया भर में कितना समय हो रहा है। यह समय के लिए शुरुआती बिंदु की तरह है। जब हम भारत की ओर जाते हैं तो समय बाद में हो जाता है और जब हम अमेरिका की ओर जाते हैं तो समय पहले हो जाता है। इसी कारण भारत का समय इंग्लैंड के समय से 5.30 घंटे आगे है।
इस तरह होता है समय में बदलाव
जब आप ग्रीनविच रेखा से पूर्व की ओर जाते हैं, तो प्रत्येक डिग्री के लिए आप आगे जाते हैं तो समय में 4 मिनट जोड़ते हैं। लेकिन जब आप पश्चिम की ओर जाते हैं, तो आप यात्रा करने वाले हर डिग्री के लिए 4 मिनट घटा देते हैं। भारत ग्रीनविच रेखा से साढ़े 5 घंटे आगे है। इसलिए, जब इंग्लैंड में आधी रात होती है, तो भारत में सुबह के 5:30 बजते हैं।
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