डिटेक्टिव एक ऐसा प्रोफेशनल व्यक्ति होता है. जो जासूसी का काम करता है. यदि किसी व्यक्ति को डिटेक्टिव की जरूरत होती है, तो वो डिटेक्टिव एजेंसी से कांटेक्ट करता है.
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डिटेक्टिव कौन होता है ?
एक डिटेक्टिव किसी एजेंसी में कार्य करता है या फिर किसी व्यक्ति विशेष के द्वारा हायर किया जाता है.
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डिटेक्टिव की आवश्यकता पुलिस ऑफिसर को भी पड़ सकती है. डिटेक्टिव आपके द्वारा बताए गए कार्य को पूरा करते हैं.
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भारत की बहुत सारी यूनिवर्सिटियों में डिफेक्टिव का कोर्स कराया जाता है. जिन्हें करके आप डिटेक्टिव बन सकते हैं.
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डिटेक्टिव कैसे बनें ?
डिटेक्टिव कोर्स भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से ही करें, ताकि आपको मान्यता प्राप्त सर्टिफिकेट प्रदान किया जाए.
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अगर आप एक अच्छे डिटेक्टिव बनना चाहते हैं, तो आपके अंदर डिटेक्टिव बनने के सारे गुण होने चाहिए, ताकि आप एक अच्छे विद्यार्थी बन सकें. आपको टेक्नोलॉजी, कानून, फॉरेंसिक सहित कई अन्य विषयों की समझ होनी चाहिए.
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डिटेक्टिव बनने के लिए क्या करें ?
डिटेक्टिव प्राइवेट और सरकारी दोनों क्षेत्रों में होते हैं. डिटेक्टिव Detective agencies के अंदर कार्य करते हैं.
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डिटेक्टिव का कार्य क्या होता है ?
प्राइवेट एजेंसी में कार्य करने वाले डिटेक्टिव को पर्सनली कोई भी व्यक्ति हायर कर सकता है. परंतु Government Detective सरकारी कार्य करते हैं.
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कुछ कार्य ऐसे होते हैं जिनको पुलिस के द्वारा सुलझाना मुश्किल होता है और वह कार्य डेटेक्टिव के द्वारा सुलझाए जाते हैं.
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किसी भी डिडेक्टिक का वेतन उसकी डिटेक्टिव एजेंसी पर निर्भर करता है. यदि कोई पर्सनल व्यक्ति एक डिटेक्टिव को हायर करता है तो उसका पेमेंट व्यक्ति के ऊपर भी निर्भर करता है। वहीं, सरकारी डिटेक्टिव को 70 हजार प्रति महीने की सैलरी दी जाती है.