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इसी के साथ अगर आपको इस फिल्ड में अपना करियर बनाना है तो आप डिप्लोमा इन फॉरेंसिक मेडिसीन या फिर डिप्लोमा इन फॉरेंसिक कर सकते हैं। इसकी अवधि 3 महीने से 6 महीने के बीच होती है।
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12वीं के बाद स्टूडेंट्स में बैचलर डिग्री करना चाहते हैं तो वह BSc फॉरेंसिक साइंस, इबैचलर ऑफ एक्सीडेंटफोरेंसिक, बैचलर ऑफ़ अप्लाइड साइंस इन फॉरेंसिक स्टडीज, बैचलर इन फॉरेंसिक इन्वेस्टिगेशन कर सकते हैं।
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इस कैरियर में मास्टर डिग्री के लिए स्टूडेंट्स MSc फॉरेंसिक साइंस, मास्टर ऑफ फॉरेंसिक बिहेवियरल साइंस, MSc इन फॉरेंसिक साइकोलॉजी, मास्टर्स इन फॉरेंसिक एंथ्रोपोलॉजी कर सकते हैं।
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इस फील्ड में करियर बनाने के लिए स्टूडेंट्स को साइंस की अच्छी समझ, जांच के लिए दिमागी रूप से तैयार, टीम के साथ ताल जैसी स्किल्स का होना जरूरी है।
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फॉरेंसिक साइंस के कॉलेज में बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, गुजरात यूनिवर्सिटी, लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, नॉर्थ कैप यूनिवर्सिटी, एमिटी यूनिवर्सिटी जैसे विश्वविद्यालयों का नाम शामिल है।
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फॉरेंसिक साइंस के बाद आप फोरेंसिक साइंटिस्ट, फोरेंसिक इंजीनियर, क्राइम रिपोर्टर, लिखावट विशेषज्ञ, फोरेंसिक एक्सपर्ट, कानूनी काउंसलर, जांच अधिकारी, रिसर्चर, अपराध दृश्य इन्वेस्टिगेटर बन सकते है।
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