Career in MD Pathology: एमडी इन पैथोलॉजी में एडमिशन से पहले जान लें ये जरूरी बातें, जानें कौन-सा कोर्स रहेगा बेस्ट

प्रतीकात्मक तस्वीर

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Career in MD Pathology: किसी भी मरीज का बेहतरीन इलाज (Diagnosis) तभी संभव हो पाता है, जब बीमारी का समय रहते पता चल जाता है। बीमारी का पता लगाने के लिए डॉक्टर द्वारा पैथोलॉजी टेस्ट (PathologyTests) का सहारा लिया जाता है। यह वही माध्यम है जिसकी जरिए आम इंसान किसी बीमारी के बारे में जान पाता है। मालूम हो कि पैथोलॉजी टेस्ट के दौरान शरीर के विभिन्न अंगों और ब्लड के सैंपल की लैब उपकरणों से जांच की जाती है। इन्हें जांच करने वाले एक्सपर्ट को हम पैथोलॉजिस्ट (Pathologist) कहते हैं। कुल मिलाकर कहा जाए तो पैथोलॉजिस्ट का मुख्य काम अलग-अलग तरह के जांच करना होता है। वह किसी विशेष बीमारी के कारण की जांच करने के बाद संबंधित डॉक्टरों को दवा और इलाज के बारे में अपनी रिपोर्ट सौंपता है।

Career in Pathology: पैथोलॉजी के दो प्रकार होते हैं

इन दिनों पैथोलॉजी फील्ड में अच्छे विशेषज्ञों की डिमांड है। इस पहले आप जान लें कि पैथोलॉजी के दो प्रकार होते हैं। इनमें क्लिनिकल पैथोलॉजी और एनाटॉमिकल पैथोलॉजी शामिल है। मालूम हो कि क्लिनिकल पैथोलॉजी (Clinical Pathology) में ब्लड या यूरिन सहित कई तरह के टेस्ट किए जाते हैं। जबकि एनाटॉमिकल पैथोलॉजी (Anatomical Pathology) में माक्रोस्कोपिक लेवल पर शरीर की जांच की जाती है। जानकारी के लिए बता दें कि इसमें टिश्यू और हड्डियों की जांच प्रमुख है। बहरहाल, आज हम इस लेख में एमडी इन पैथोलॉजी (MD in Pathology) कोर्स के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करेंगे।

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Career in Pathology: एमडी इन पैथोलॉजी कोर्स की जानकारी

इन दिनों इस फिल्ड में अच्छे पैथोलॉजिस्ट की डिमांड बढ़ी है। इसके चलते पैथोलॉजी फिल्ड में करियर की संभावनाएं है। इस वजह से अगर आप पैथोलॉजी में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो इसके तो आपके लिए एमडी इन पैथोलॉजी कोर्स बेस्ट है। एमडी इन पैथोलॉजी कोर्स 3 साल की अवधि का एक पोस्टग्रेजुएशन पाठ्यक्रम है। इस कोर्स में कुल 6 सेमेस्टर होते हैं। यहां ध्यान देने की जरुरत हैं कि इस कोर्स में कई स्पेशलाइजेशन होती हैं जिसमें छात्र एमडी पैथोलॉजी कर सकते हैं। आप इसमें हेमेटोलॉजी, हिस्टोपैथोलॉजी, मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी, केमिकल पैथोलॉजी विषय में स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं। यह कोर्स देश की कई कॉलेज में कराए जाते हैं। इस कोर्स को पूरा कर छात्र किसी भी सरकारी या गैर- सरकारी अस्पताल में कार्य कर सालाना 4 लाख से 15 लाख रुपये तक कमा सकते हैं।

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