आज दस का नोट छोटे नोटों में जरूर आता सही लेकिन समय था जब दस का नोट भी बड़े नोटों में शामिल होता था। अंग्रेजों के समय भी दस का नोट चलता था। उस समय दस के नोट वैल्यू बहुत ज्यादा होती थी। क्योंकि तब भारत में प्रतिव्यक्ति आय 50 पैसे से बी कम होती थी। भारत आजाद होने के बाद भी दस का नोट बड़े नोटों में कुछ दिन तक शामिल रहा है क्योंकि प्रधानमंत्री नेहरू के जमाने में भी भारत की प्रतिव्यक्ति आय ज्यादा नहीं थी। दस का नोट जब भारत में पहली बार छपा तो उस पर गांधी जी की फोटो नहीं थी। गांधी जी की जगह भारत के ही एक राजा की तस्वीर थी। वह राजा कौन था?
भारत में पहला दस का नोट किसने चलाया
आजाद भारत में आरबीआई ने जब पहला 10 का नोट जारी किया तो उस पर गांधी जी की तस्वीर नहीं थी। उस नोट पर बल्कि किंग जार्ज VI की तस्वीर छपी थी। इस नोच के पिछले भाग पर उर्दू में हिंदी, बंगाली, बर्मी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़ और गुजराती में इसका मूल्य लिखा था। इस पर दो हाथियों का चित्र भी बनाया गया था।
पहली बार 1966 में जारी किया था
आजादी के बाद कांग्रेस की सरकार थी। उस सरकार में 1966 में पहला दस का नोट आरबीआई ने चलाया था। उस नोट का साइज कुल 137X63MM था। उस नोट की खास बात ये थी कि पहली बार आरबीआई ने नेत्रीहीनों को मुद्रा की पहचान करने में सहायता के लिए ब्रेल सुविधा का भी इस्तेमाल किया था। इस नोच के पिछले भाग में 1 गैंडा हाथी और बाघ का चित्र बना था। आज तक इसी नोट पर सबसे ज्यादा बदलाव किए गये हैं।
2016 में की गई नोटों में बदलाव
आज जिस दस के नोट से हम खरीदारी कर रहे हैं उस नोट को 2018 में लॉंच किया गया था। उसकी घोषणा 2016 में हुई थी। इस नोट पर गांधी जी की मूरत और कोंणार्क मंदिर छपा था। इस नोट का साइज भी बदल 63mm x 123mm है।
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