Home schooling: जानिए होमस्कूलिंग के फायदे और नुकसान, बच्चों पर क्या पड़ता है असर

Home schooling: आज के समय में स्कूलों की भारी फीस और अन्य खर्चों की वजह से लोग होम स्कूलिंग की तरफ रुख कर रहे हैं। इसका प्रचलन अब भारत में काफी ज्यादा बढ़ चुका है और लंबे समय से दुनिया भर में अस्तित्व में है। हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा अच्छे से पढ़ लिखकर अपने जीवन में आगे बढ़े। लेकिन आज के समय में सिर्फ किताबों का ज्ञान काम नहीं आता। उसके अलावा हर चीज बच्चे को सिखाई जाती है। आज के समय में बच्चे एक तरह की चीजों के साथ कई अन्य काम भी सीखते हैं। इसलिए उनके अनुसार चीजों को मॉडिफाई भी करना पड़ता है। इन्हीं मॉडिफिकेशन में होम स्कूलिंग भी एक ऑप्शन है। यदि आप भी अपने बच्चों को होम स्कूलिंग देना चाहते हैं तो इसके फायदे और नुकसान के बारे में जानना होगा। लेकिन माता-पिता को ये पता होना चाहिए कि होम स्कूलिंग क्या है।

क्या है होम स्कूलिंग

अब होम स्कूलिंग की बात करें तो इसका मूल शब्द में अर्थ होता है कि माता-पिता अपने बच्चे की स्कूली शिक्षा की जिम्मेदारी लेते हैं। इसमें समय की कोई सीमा नहीं होती और होम स्कूलिंग के लिए कोई भी नियम तय नहीं है। लेकिन होम स्कूलिंग के दौरान यदि माता-पिता बच्चों को घर पर ही पढ़ाते हैं तो इसके लिए किताबों के साथ-साथ अन्य कई मैटेरियल्स की मदद ले सकते हैं। इसमें बच्चों की उम्र के आधार पर ही क्लास में एडमिशन होता है और परीक्षा भी होती है।

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होम स्कूलिंग के फायदे क्या है

1- अब होम स्कूलिंग के फायदों की बात करें तो इसमें बच्चे का पढ़ाई में इंटरेस्ट अलग होता है और उन्हें सीखने का तरीका भी अलग होता है। यदि बच्चा नियमित रूप से क्लास में रहता है तो सभी बच्चों को एक ही तरह से पढ़ाया जाता है लेकिन होम स्कूलिंग के दौरान बच्चे की स्किल्स को अच्छे से समझा जा सकता है और उसे बेहतर किया जा सकता है।
2- होम स्कूलिंग के दौरान बच्चों को किताबों के अलावा और भी बहुत सी चीजें सीखने को मिलती है और उनकी एक्टिविटीज के अनुसार भी शेड्यूल तय किया जा सकता है।
3- होम स्कूलिंग का सबसे बड़ा फायदा ये है कि जिन माता-पिता को अपने काम के चक्कर में बार-बार घर शिफ्ट करना पड़ता है तो किसी दूसरी जगह पर बच्चे का स्कूल में एडमिशन नहीं कराना पड़ता। क्योंकि आपका बच्चा घर पर ही पढ़ता है।
4- होम स्कूलिंग के दौरान बच्चों को प्रेशर की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता और उनकी पढ़ाई के लिए घर में एक सुरक्षित वातावरण होता है।
5- माता-पिता होमस्कूलिंग के दौरान अपने बच्चे की प्रतिभा को पहचान सकते हैं।
6- होम स्कूलिंग का फायदा ये है कि इसमें स्कूल फीस पर खर्च होने वाले पैसे भी बचाए जा सकते हैं।

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होम स्कूलिंग के नुकसान क्या है

अब होम स्कूलिंग के नुकसान के बारे में बात करें तो जहां इसके कई फायदे मिलते हैं। वहीं इसकी कुछ खामियां भी है।
1- एक होमस्कूलर आमतौर पर अन्य बच्चों के संपर्क में बहुत अधिक नहीं आते। जिसके कारण उनमें सोशल स्किल्स की कमी हो जाती है और ऐसे बच्चे जल्दी ही ग्रुप समूह में भी बातचीत करने से कतराते हैं और अपनी बात नहीं रख पाते हैं।
2- होम स्कूलिंग से माता-पिता के स्कूल की फीस पर खर्च की गई पैसों की बचत होती है लेकिन बच्चे की पढ़ाई के लिए उन्हें अपनी नौकरी भी छोड़नी पड़ सकती है या फिर पार्ट टाइम काम करना पड़ सकता हैं। इस तरह परिवार की फाइनेंशियल कंडीशन में कमी आ सकती है।
3- होम स्कूलिंग के दौरान बच्चे स्कूल सीखने के कई अनुभव से चूक जाते हैं। जैसे टूर पर जाना, नए दोस्त बनाना, ग्रुप एक्टिविटीज में हिस्सा बनना या फिर खेलों में भाग लेना। यें सभी एक्टिविटीज बच्चे के आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं।
4- होम स्कूलिंग के दौरान बच्चे को हर विषय में पकड़ बनाने के लिए पेरेंट्स को भी सभी विषय में पढ़ना होगा। लेकिन आमतौर पर देखा जाता है कि पेरेंट्स कुछ विषयों में ही एक्सपर्ट होते हैं। इस तरह बच्चा कुछ सब्जेक्ट्स में कमजोर रह सकता है।
5- होम स्कूलिंग के दौरान बच्चे को आगे बढ़ाने के लिए माता-पिता को सबसे ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है और उनका सारा समय बच्चे की ओर चला जाता है। यदि घर में दो या तीन बच्चे हैं तो उन्हें संभालना मुश्किल हो जाता है।

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