School: इस राज्य में अब बच्चों को पनिशमेंट देना खड़ी करेगा नई मुसीबत, NCPCR गाइडलाइंस लागू

School: देश की राजधानी दिल्ली में कुछ दिनों पहले एक सरकारी स्कूल में शिक्षिका ने छात्रा को पहली मंजिल से नीचे फेंक दिया था। इस मामले पर शिक्षा निदेशालय ने सख्त कदम उठाया है। निदेशालय ने सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों के प्रधानाचार्यों को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) द्वारा स्कूलों में शारीरिक दंड को खत्म करने के दिशा निर्देशों का पालन करने के लिए कहा है।

अब किसी भी स्कूल में कोई भी शिक्षक छात्रों के साथ शारीरिक तौर पर मारपीट और दंडित नहीं कर सकता है। अगर शिक्षक छात्र की पिटाई करते हैं तो ऐसे में शिक्षक के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उसे नौकरी से बर्खास्त भी किया जा सकता है। इन नियमों को लागू करना स्कूल की जिम्मेदारी है।

Also Read: School Closed: कोरोना के फैलते संक्रमण के चलते इस राज्य में बढ़ाया गया स्कूलों में अवकाश, जानिए क्या है लेटेस्ट अपडेट

एनसीपीसीआर ने कई साल पहले दिशानिर्देश बनाए थे

एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा कि “शारीरिक दंड को लेकर एनसीपीसीआर ने कई साल पहले दिशानिर्देश बनाए थे। जिसमें बच्चों के साथ होने वाली मारपीट, दंड को प्रमुखता से उठाया गया था। लेकिन दिल्ली में हाल ही में शिक्षिका द्वारा जिस तरह से एक छात्रा के साथ मारपीट हुई, उससे अभिभावकों के ऊपर अपने बच्चे की सुरक्षा को लेकर गहरा असर पड़ा है।”

एनसीपीसीआर के शारीरिक दंड के दिशानिर्देशों से कराया जाएगा परिचित

निदेशालय के एक अधिकारी के मुताबिक एनसीपीसीआर के इस निर्देश का स्कूलों में सख्ती से पालन कराया जाएगा साथ ही छात्रों को मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने पर रोक लगाने के लिए शिक्षकों और स्कूल प्रबंधकों को जागरूक किया जाएगा और इस दंड को खत्म करने के लिए एनसीपीसीआर द्वारा तैयार किए गए दिशानिर्देशों से शिक्षकों को परिचित कराया जाएगा।

Also Read: SRCC DU: दिल्ली यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए निकली हैं भर्ती, इस तारीख से पहले करें आवेदन

एजुकेशन की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘DNP EDUCATION’ को अभी subscribe करें।

Exit mobile version