NEET और JEE Main के Coaching सेंटर भेजने पर एक्सपर्ट ने पेरेंट्स को दी सलाह, छात्रों के योग्यता की जांच जरूरी

Coaching: कोटा में नेट और जेईई मेंस की कोचिंग के लिए बच्चों के पेरेंट्स को एक्सपर्ट ने सलाह दी है। विशेषज्ञों ने जेई और नेट की तैयारी के लिए अपने बच्चों को कोचिंग केंद्र कोटा भेजने वाले माता-पिता से आग्रह किया है कि ‘वे कोचिंग के लिए भेजने से पहले उनकी काउंसलिंग जरूर कराएं।’ बता दें कि कोटा में हाल ही के आत्महत्या के मामले को देखते हुए एक्सपर्ट नए कहा है कि ‘बच्चों को कोचिंग सेंटर भेजने से पहले उनकी पेशेवर योग्यता जांच कराई जाएं। इसके अलावा उनको मानसिक रूप से मजबूत होना चाहिए और रोजमर्रा के कामों के अनुसार ढलने की क्षमता विकसित होनी चाहिए।’

4 छात्रों की आत्महत्या की घटना के बाद एक्सपर्ट ने दी राय

मनोचिकित्सक ने जानकारी देते हुए कहा कि “अधिकतर माता-पिता अपने बच्चों को बिना किसी तैयारी के साथ ही कोचिंग सेंटर भेज देते हैं। इसके अलावा उनका ध्यान केवल वित्तीय और साजो सामान की व्यवस्था पर ही होता हैं।’ अभी हाल ही में कोचिंग संस्थानों के 4 छात्रों की आत्महत्या की घटना को संबंध में रखते हुए फिर से इस पर बहस छिड़ गई है। ऐसे छात्र अधिकतर ज्यादा पाठ्यक्रम और परिवार की अपेक्षाओं के दबाव को झेल नहीं पाते और गलत कदम उठाते हैं।

बच्चों को लगभग जीरो तैयारी के साथ कोटा भेजते

इस संबंध में एलन करियर इंस्टिट्यूट के प्रिंसिपल काउंसलर और छात्र व्यवहार विषय के विशेषज्ञ हरीश शर्मा का कहना है कि “अधिकतम माता पिता अपने बच्चों को लगभग जीरो तैयारी के साथ कोटा भेजते हैं। इस वजह से उनका ध्यान केवल वित्तीय और साजो समान व्यवस्था पर होता है।” न्यूज़ एजेंसी से बात करते हुए प्रिंसिपल हरीश शर्मा ने कहा कि “जब कोई बच्चा पांचवी या छठी कक्षा में पढ़ रहा होता है, तभी माता-पिता तय कर लेते हैं कि उसे दो या चार साल बाद कोटा भेजा जाएगा। इस तरह से उनके जाने की प्लानिंग की जाती है और फिर विश्लेषण करने की कोशिश नहीं की जाती। इस तरह बच्चा दबाव में आ जाता है।”

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आत्महत्या पर लगाम लगाने के लिए प्राधिकारी कार्यरत

कोटा के अन्य प्रमुख कोचिंग संस्थान के प्रबंध निदेशक आर के वर्मा ने कहा कि “माता-पिता एवं उनके बच्चों के बीच आपसी संवाद के उचित माध्यम पहले से विकसित करना जरूरी है। कोटा के कोचिंग सेंटर में शैक्षणिक दबाव कोचिंग में आने से पहले छात्रों को आमतौर पर होने वाले दबाव से कहीं अधिक है।” बता दें कि 11 दिसंबर को कोटा में 12 घंटे में 3 छात्रों की आत्महत्या के बाद कोचिंग प्राधिकारी इन पर लगाम लगाने के लिए कार्यरत है। इस घटना पर एक्सपर्ट ने भी अपनी राय दी।

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