Amazing Facts: कहीं आप भी कृपा और कृपया शब्द का गलत जगह इस्तेमाल तो नहीं करते, जानें दोनों शब्दों का अंतर

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Amazing Facts: आज के समय में हिंग्लिश बोलने का प्रचलन है। लोग अक्स हिंदी और इग्लिश को मिलाकर बोलते हैं। बहुत से लोग हिंदी भाषा के साधारण से शब्दों को भी नहीं पहचान पाते हैं। हिंदी के बहुत से शब्द बोलने और लिखने में लगभग एक जैसे होते हैं लेकिन इनका अंतर जानने के बाद पता चलता है कि दोनों में जमीन-आसमान का फर्क है। आज इस आर्टिकल में हम आपको हिंदी के कृपा और कृपया य़ब्द में अंतर बताने जा रहे हैं। बहुत से लोग इन शब्दों में काफी कंफ्यूज होते हैं। ये दोनों शब्द काफी हद तक एक दूसरे से मिलते हैं लेकिन दोनों के अंतर में जमीन-आसमान का फर्क है। आइए जानते हैं।

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क्या है कृपा का अर्थ

बता दें कि कृपा का अर्थ होता है बिना किसी उम्मीद के दया करना। कृपा करने वाला हमेशा बड़ा होता है और कृपा प्राप्त करने वाला याचक। असे अंग्रेजी भाषा में Courtesy या Mercy कहा जाता है। साधारण बोलचाल और अन्य भाषा में इसे तरस या रहम भी कह सकते हैं। कृपा शब्द को संस्कृत भाषा से लिया गया है और यह एक स्त्रीलिंग शब्द है।

क्या है कृपया का अर्थ

कृपया शब्द काफी हद तक लिखने और सुनने में कृपा जैसा ही लगता है लेकिन इसका अर्थ अलग होता है। इस शब्द का उपयोग शिष्टाचार के लिए किया जाता है। कोई बड़ा व्यक्ति अपने से छोटे व्यक्ति से बातचीत के दौरान शिष्टाचार के रूप में इस्तेमाल करता है। इसके अलावा इस शब्द का इस्तेमाल अपने किसी काम को कराने के लिए याचिका के रूप में भी किया जाता है। इसे अंग्रेजी के Please और Kindly से जोड़ा जा सकता है।

उदाहरण के लिए

आप मुझे दो दिन का अवकाश प्रदान करने की कृपा करें।

कृप्या मुझे एक गिलास पानी दे दीजिए।

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