Bageshwar Dham: बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री लगातार चर्चाओं में बने रहते हैं। वो सोशल मीडिया से लेकर मेन स्ट्रीम मीडिया तक चर्चा में बने रहते हैं। लोग उनके पास अपनी अर्जियां लेकर जाते हैं। वो लोगों की बातें सुनते हैं और उनकी समस्याओं का समाधान बताते हैं। वो अपने अलग अंदाज के कारण भी जाने जाते हैं। वो खुद को बालाजी का भक्त बताते हैं। लोगों की समस्याओं को सुनने के लिए वे दरबार लगाते हैं। वहां आए याचकों को वो पेपर पर लिखकर उनके बारे में बताते हैं और साथ ही उनकी समस्याओं का समाधान भी बताते हैं। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको धीरेंद्र शास्त्री की शिक्षा के बारे में बताने जा रहे हैं।
कितने पढ़े लिखे हैं पंडित धीरेंद्र शास्त्री
बता दें कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री का जन्म 4 जुलाई 1996 को छतरपुर के गढ़ा गांव में हुआ था। खबरों की मानें तो धीरेंद्र शास्त्री ने 10वीं और 12वीं की पढा़ई गंज गांव से की। इसके बाद उन्होंने ग्रेजुएशन में BA किया। एक इंटरव्यू के दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने खुद बताया था कि उन्होंने ग्रेजुएशन की है लेकिन उन्होंने पढ़ाई को सीरियसली नहीं लिया।
कहां से सीखी रामकथा
बता दें कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री अपने दादा को सिद्ध पुरुष मानते हैं और वे ही उनके गुरू हैं। धीरेंद्र शास्त्री अपने दादाजी के साथ 9 साल की उम्र से ही मंदिर जाया करते थे। उनके दादा रामकथा कहा करते थे और धीरेंद्र शास्त्री ने अपने दादा से ही रामकथा सीखी।
क्या है बैकग्राउंड
अगर उनके फैमिली बैकग्राउंड की बात करें तो बता दें कि उनके पिता का नाम रामकृपाल गर्ग है और वो गांव में पूजा पाठ किया करते थे। उनका बचपन गरीबी में बीता। बागेश्वर धाम की मां दूध बेचने का काम किया करती थीं और पिता सत्यनारायण भगवान की कथा सुनाने का काम करते थे। उन्होंने अपने पिता के साथ मिलकर कथा वाचक का काम शुरू किया। इसके बाद वे हर मंगलवार और शनिवार मंदिर में दरबार लगाने लगे। उस समय से ही लोग मंदिर आते हैं और अपनी अर्जी लगाने आते हैं।
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