Difference between AD and BC: इतिहास की घटनाओं को पढ़ने के लिए ईस्वी और ईसा पूर्व का उपयोग किया जाता है। अक्सर इतिहास के पन्नों पर दोनों शब्द लिखे हुए मिल जाएंगे जो एक निश्चित समय अवधि के बारे में बयां करती है। इस सब के बीच क्या आपने सोचा है कि आखिर ईस्वी और ईसा पूर्व में क्या खास अंतर होता है और आखिर कैसे यह पता चलता है कि आखिर हम किस समयावधि के बारे में बात कर रहे हैं। आपको बता दें कि यह ईसा मसीह के जन्म से निर्धारित किया जाता है। आइए जानते हैं आखिर कैसे तय होता है ईस्वी (AD) और ईसा पूर्व (BC)।
क्या है ईस्वी यानी AD और ईसा पूर्व BC में खास अंतर
बता दें कि ईस्वी को AD और ईसा पूर्व को BC कहा जाता है। जब तिथियों के पहले ईस्वी यानी AD लिखा जाता है इसका मतलब है ‘ईसा के जन्म के वर्ष’ से है। AD का फुल फॉर्म एनो डोमिनि (Anno Domini) है जो एक लैटिन शब्द है। इस शब्द का अर्थ ‘हमारे ईश्वर का वर्ष’ होता है। जूलियन और ग्रेगेरीयन कैलेंडर में वर्ष को संख्यात्मक रूप से दर्शाने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है। ईस्वी ईसा-मसीह के जन्म के बाद के कैलेंडर युग से माना जाता है। जैसे ईसा-मसीह का जन्म जिस वर्ष हुआ था उसे 1 AD कहा जाता है और उससे 1 वर्ष पहले को 1 BC के रूप में पहचाना जाता है।
ये भी पढ़ें: NCERT Syllabus Change: चार्ल्स डार्विन की एवोल्यूशन थ्योरी को सिलेबस से हटाने पर छिड़ा विवाद, भड़के साइंटिस्ट्स
CE और BCE का क्या है मतलब
बता दें कि कभी कभी AD के लिए हम CE और BC के लिए BCE लिखते हैं। वहीं CE का फुल फॉर्म ‘कॉमन एरा’ तथा BCE का फुल फॉर्म ‘बिफोर कॉमन एरा’ है। किसी भी तिथि को लिखने के लिए अगर हम AD लिख रहे हैं तो AD 2019 लिख सकते हैं वहीं BC को लिखने के लिए तिथि के बाद में BC जोड़ा जाता है जैसे ‘357 BC’।
ऐसे पहचान होती है CE और BC की
CE और AD में वर्ष कालानुक्रमिक क्रम में गिने जाते हैं ऐसे में साल 500 ईस्वी के बाद 501 ईस्वी लिखा जाता है वहीं BC या BCE में 301 BC के बाद 300 BC आता है। अक्सर इतिहास को पढ़ने और लिखने के लिए ईस्वी और ईसा पूर्व को लिखा जाता है। वहीं अगर गौर करें तो ईसा मसीह का जन्म कैलेंडर के लिए काफी खास है। इस दिन से नए कैलेंडर की शुरुआत मानी जाती है और इतिहास के लिए यह दिन काफी खास है।
एजुकेशन की तमाम खबरों के लिए हमारे YouTube Channel ‘DNP EDUCATION’ को अभी subscribe करें।