Param Vishisht Seva Medal: भारत में खेलों से लेकर कोई साहसी या बहादुरी का काम करने पर उन्हें पुरस्कार से नवाजा जाता है। ऐसे में आपने कई बार देखा होगा या फिर पढ़ा होगा कि किसी व्यक्ति को उसके असाधारण काम के लिए उसे मेडल देकर सम्मानित किया गया। ऐसे में जानिए कि परम विशिष्ट सेवा मेडल कब और किस स्थिति में दिया जाता है।
परम विशिष्ट सेवा मेडल
आपको जानकारी के लिए बता दें कि परम विशिष्ट सेवा मेडल एक सैन्य पुरस्कार है। इस मेडल को शांति और सेवा के क्षेत्र मं सबसे बड़ा असाधारण काम करने के लिए सम्मानित किया जाता है। इस मेडल को सेना के सभी रैंक के अधिकारी, नर्सिंग स्टॉफ, पैरा फोर्स और पूरी सशस्त्र बल के लिए दिया जाता है। इस सम्मान को उसके मरने के बाद भी उसे दिया जा सकता है। इस मेडल का इतिहास काफी पुराना है। इसे 26 जनवरी 1960 से दिया जा रहा है। वहीं, आखिर बार इस मेडल को अपने असाधारण खेल के दम पर भारत को पैरा ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाने वाले भारत के जेवलिन थ्रो हीरो नीरज चोपड़ा को दिया गया था।
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परम विशिष्ट सेवा मेडल के लिए योग्यता
परम विशिष्ट सेवा मेडल द्वारा भारतीय सेना के सशस्त्र बलों को सम्मानित करने के लिए किया जाता है। भारतीय सेना में वायु सेना, थल सेना और जल सेना के अलावा सहायक सेना यूनिट्स, रिजर्व सेना के अधिकारी और जवान इस मेडल को प्राप्त करने के प्रतिभागी होते हैं।
कैसा दिखता है परम विशिष्ट सेवा मेडल
- परम विशिष्ट सेवा मेडल गोलाकार होता है। इसका कुल व्यास 35 मिली का होता है।
- इसका कलर सुनहरा होता है। इसके सामने वाले भाग में 5 नोक वाले सितारे का डिजाइन बना होता है।
- इसके ऊपर एक सादी हरे रंग की पट्टी लगी होती है। साथ ही इसकी स्टैंडर्ड फिटिंग होती है।
- इसके पीछे की तरफ राज्य चिन्ह बना हुआ होता है और ऊपर की तरफ पदक का नाम गुदा हुआ होता है।
- इसके फीते का रंग सुनहरा होता है। इसके बीच में एक गहरे रंग की पट्टी होती है, जो दो बराबर भागों में बंटी होती है।
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